यमुनानगर साइबर ठगी: पानी बिल के नाम पर ₹12.78 लाख की धोखाधड़ी

यमुनानगर, वायरल सच (ब्यूरो) : हर दिन तेजी से बढ़ती डिजिटल सेवाओं के बीच अब साइबर ठग भी नई-नई तरकीबों से लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। ताजा मामला यमुनानगर से सामने आया है, जहां पानी के बिल भरने के नाम पर एक व्यक्ति के खाते से ₹12,78,000 रुपये उड़ गए। पीड़ित का नाम दिनेश गुप्ता है, जो यमुनानगर के सेक्टर-15 के निवासी हैं और इलेक्ट्रॉनिक रिटेल व्यवसाय से जुड़े हैं।
कैसे हुई ठगी?
दिनेश गुप्ता ने साइबर क्राइम थाना पुलिस को दी शिकायत में बताया कि 1 सितंबर की शाम उनकी पत्नी के मोबाइल पर एक मैसेज आया, जिसमें पानी का बिल भरने की जानकारी दी गई थी। जब उन्होंने उस नंबर पर कॉल किया, तो सामने वाले ने अपना नाम “राहुल” बताया और खुद को सरकारी एजेंसी से जुड़ा बताया।
राहुल ने दिनेश गुप्ता की पत्नी को “ULB Haryana Citizen Service” नाम की एक एपीके (APK) फाइल भेजी। यह एक प्रकार की एंड्रॉयड ऐप फाइल होती है, जो अधिकतर आधिकारिक ऐप स्टोर्स के बाहर से भेजी जाती है। महिला ने बिना किसी शक के फाइल डाउनलोड कर ली और जब उन्होंने बिल पेमेंट के लिए बैंक की डिटेल्स दर्ज कीं, तभी खाते से पैसे कटने शुरू हो गए।
ठगी की राशि
बैंक अकाउंट से अलग-अलग किस्तों में कुल ₹12.78 लाख रुपये निकाले गए।
- पहले ₹3.5 लाख
- फिर ₹1.48 लाख
- उसके बाद फिर ₹3.5 लाख
- और इस तरह कई बार में कुल राशि खाते से साफ हो गई।
पुलिस जांच में जुटी
घटना की जानकारी मिलते ही दिनेश गुप्ता ने तुरंत साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। जांच अधिकारी के अनुसार, यह मामला एक संगठित साइबर फ्रॉड गैंग से जुड़ा हो सकता है जो फर्जी एप्लिकेशन और सरकारी नामों का इस्तेमाल कर लोगों को झांसे में लेते हैं।
क्या है एपीके फाइल और क्यों है यह खतरनाक?
एपीके फाइल एंड्रॉयड मोबाइल के लिए ऐप्स को इंस्टॉल करने की एक विधि होती है। अक्सर ये फाइलें गूगल प्ले स्टोर के बाहर से भेजी जाती हैं, जो सुरक्षित नहीं होतीं। इसके जरिए हैकर्स यूजर के मोबाइल पर पूरा नियंत्रण हासिल कर लेते हैं – जैसे कि स्क्रीन रिकॉर्डिंग, कीबोर्ड लॉगिंग (आप क्या टाइप कर रहे हैं), बैंकिंग ऐप एक्सेस आदि।
सावधानी बरतें:
- कभी भी अनजान नंबर से आए हुए लिंक या एपीके फाइल डाउनलोड न करें।
- केवल ऑफिशियल ऐप स्टोर से ही ऐप्स डाउनलोड करें।
- बैंकिंग या पेमेंट से जुड़े ऐप्स में किसी भी प्रकार की जानकारी देने से पहले उस ऐप की सत्यता की पुष्टि करें।
- कोई भी संदेहास्पद गतिविधि दिखे तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर संपर्क करें।
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