अमेरिका में जैविक हथियार तस्करी के आरोप में चीनी नागरिकों पर केस

वाशिंगटन, वायरल सच (ब्यूरो) : अमेरिका में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें दो चीनी नागरिकों पर आरोप लगाया गया है कि वे अमेरिका में एक खास तरह की फंफूद (फंगस) लाने की साजिश रच रहे थे, जिससे फसलों को भारी नुकसान हो सकता था। इस साजिश के तहत ये फंफूद कृषि क्षेत्र में “हेड ब्लाइट” जैसी बीमारी फैला सकती थी, जो पूरी फसल को बर्बाद कर सकती है।
कृषि आतंकवाद: क्या है यह और किसने रची साजिश?
मंगलवार को अमेरिका के मिशिगन के पूर्वी जिले के अटॉर्नी ऑफिस ने दो चीनी नागरिकों के खिलाफ आरोप तय किए। इन दोनों को साजिश रचने, तस्करी करने और झूठे बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। इन दोनों नागरिकों की पहचान 33 वर्षीय यूनकिंग जियान और 34 वर्षीय जुनयोंग लियु के रूप में की गई है। आरोप है कि ये दोनों चीन में खास तरह की फंफूद पर रिसर्च कर चुके थे और अब उसे अमेरिका लाने की कोशिश कर रहे थे।
अमेरिकी अटॉर्नी जेरोम गॉर्गन जूनियर के मुताबिक, “यह कार्रवाई अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चिंता का विषय है, और दोनों आरोपी इसके पीछे चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CPC) के सदस्य हैं।”
क्या है फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम (Fusarium graminearum)?
यह फंफूद एक विशेष प्रकार का पौधे-रोगजनक है, जिसे यदि खेतों में छोड़ दिया जाए तो यह धीरे-धीरे फसलों की गुणवत्ता को कम कर सकता है। खासकर यह गेहूं की फसलों को नुकसान पहुँचाती है, जिससे गेहूं की बालियाँ खराब हो जाती हैं। यह कभी गेहूं को दबा देती है और कभी पूरी तरह से खराब कर देती है। इसके परिणामस्वरूप, न केवल फसल की पैदावार कम हो जाती है, बल्कि किसानों को बड़े पैमाने पर आर्थिक नुकसान भी होता है।
फ्यूसैरियम ग्रैमिनियरम एक पौधे से दूसरे पौधे तक फैल सकता है, जिससे एक खेत से ज्यादा खेतों को खतरा होता है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस फंफूद से 1990 के दशक में फसलों में महामारी जैसे हालात पैदा हो चुके थे।
क्या इस फंफूद ने पहले भी नुकसान पहुंचाया है?
हां, इस फंफूद ने पहले भी कई बार किसानों को भारी नुकसान पहुँचाया है। 1990 के दशक में यह फंफूद गेहूं की फसल में महामारी का रूप ले चुकी थी। और सबसे खतरनाक बात यह है कि इस बीमारी का इलाज करना बेहद मुश्किल है, क्योंकि इसे रोकने के लिए आमतौर पर कीटनाशकों का भी असर नहीं होता।
चीनी नागरिकों की गिरफ्तारी और जांच
एफबीआई और अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक, यह आरोप बेहद गंभीर हैं, क्योंकि यह एक जैविक हथियार का रूप ले सकते थे। मिशिगन की यूनिवर्सिटी ने पुष्टि की है कि उन्हें चीनी सरकार से इन नागरिकों के रिसर्च के लिए कोई फंडिंग नहीं मिली थी, और विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरे में डालने वाले इन तत्वों की आलोचना की है।
इससे पहले, लियु और जियान दोनों चीन में विशेष प्रकार के पैथोजेन (रोगजनक) पर शोध कर चुके थे, जो इस प्रकार की फंफूद से संबंधित थे। एफबीआई की जांच के दौरान, लियु के पास से एक लेख भी मिला, जिसका शीर्षक था – “बदलती जलवायु परिस्थितियों में पौधे-रोगजनकों का युद्ध”।
अमेरिका की प्रतिक्रिया और भविष्य की रणनीतियाँ
इस मामले के बाद, अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियाँ अब सतर्क हो गई हैं। कृषि आतंकवाद को बढ़ावा देने वाले इस तरह के जैविक हथियारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, चीन के साथ कृषि और जैविक शोध में पारदर्शिता बनाए रखने की आवश्यकता को लेकर भी नई नीतियां बनाई जा सकती हैं।
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