गुरुग्राम की तीन बहनों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर बढ़ाया भारत का मान

गुरुग्राम, वायरल सच (ब्यूरो) : यहां की तीन सगी बहनों ने ताइक्वांडो खेल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए एशिया व इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया है। इस तरह से तीनों बहनों ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का मान, सम्मान बढ़ाया है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की यह मूर्त रूप है। खेलों के इतिहास में पहली बार हुआ है कि तीन सगी बहनों ने किसी देश का प्रतिनिधित्व किया हो और एक साथ पदक जीता हो। बेटियों की यह उपलब्धि न केवल गुरुग्राम और हरियाणा, बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।
तीनों बेटियों की उपलब्धियों को सांझा करते हुए पिता जितेंद्र यादव ने कहा कि गीता यादव डब्ल्यूटी प्रेसिडेंट कप 2025 (ऑस्ट्रेलिया), ऑस्ट्रेलियन ओपन 2025 और वल्र्ड यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 (जर्मनी) में पदक विजेता हैं। 2023 में भी ऑस्ट्रेलियन ओपन (सिल्वर), प्रेसिडेंट कप व ओशिनिया ओपन (गोल्ड) जीता। 2022 में स्वीडिश ओपन और यूरोपियन कप में भी मेडल। साउथ एशियन गेम्स में सिल्वर मेडल जीता। रीतू यादव डब्ल्यूटी प्रेसिडेंट कप 2025 और ऑस्ट्रेलियन ओपन 2025 में ब्रॉन्ज मेडल विजेता हैं।
2023 में प्रेसिडेंट कप और ओशिनिया ओपन (गोल्ड), ऑस्ट्रेलियन ओपन (सिल्वर)। 2022 में स्वीडिश ओपन और यूरोपियन कप में मेडल जीता। प्रिया यादव ने डब्ल्यूटी प्रेसिडेंट कप 2025 और ऑस्ट्रेलियन ओपन 2025 में ब्रॉन्ज मेडल जीता। 2023 में प्रेसिडेंट कप व ओशिनिया ओपन (गोल्ड), ऑस्ट्रेलियन ओपन मे सिल्वर मेडल जीता। 2022 में मून डे संग पीस कप (दक्षिण कोरिया) में ब्रॉन्ज तथा स्वीडिश और यूरोपियन कप में भी पदक जीता है।
मंत्री राव नरबीर सिंह ने दी तीनों बहनों को बधाई
उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह से सिविल लाइंस स्थित उनके कार्यालय पर गुरुग्राम की अंतरराष्ट्रीय ताइक्वांडो खिलाडिय़ों गीता यादव, रीतू यादव और प्रिया यादव ने मुलाकात की। कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ये तीनों बहनें अपनी मेहनत, लगन और जज्बे के बल पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का गौरव बढ़ा रही हैं। ये केवल खिलाड़ी नहीं हैं, बल्कि वह सपना है जिसे हरियाणावासियों ने बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान के साथ देखा था। राव नरबीर सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हरियाणा सरकार ने खेल प्रतिभाओं को हर स्तर पर संवारने और सहयोग देने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं।
यही कारण है कि आज हरियाणा की खेल नीति को पूरे देश में मॉडल माना जाता है। आर्थिक मदद करें। यह सिर्फ तीन बेटियों की मदद नहीं होगी, बल्कि आने वाली पीढिय़ों को एक संदेश होगा कि समाज अपनी बेटियों के सपनों को उड़ान देने में पीछे नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में जब ये बेटियां ओलंपिक और विश्वस्तरीय प्रतियोगिताओं में स्वर्णिम उपलब्धियां लेकर लौटेंगी, तब हर वह व्यक्ति, जिसने इनका साथ दिया होगा, खुद को इस गौरव यात्रा का हिस्सा महसूस करेगा।
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